समुद्र की गहराइयों में रहने वाली टूना मछली सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बेहद खास होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि टूना की मसल्स बाकी मछलियों की तरह सफेद न होकर काली या गहरी लाल क्यों होती हैं? आइए, इस रहस्य को विस्तार से समझते हैं।
मसल्स का रंग क्यों होता है अलग?
साधारण मछलियों की मसल्स आमतौर पर सफेद होती हैं, क्योंकि उनमें कम मात्रा में myoglobin नामक प्रोटीन होता है। लेकिन टूना मछली की मसल्स में myoglobin की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जिससे उसकी मसल्स का रंग गहरा लाल या काला दिखाई देता है।
Myoglobin क्या करता है?
Myoglobin एक प्रकार का प्रोटीन है जो ऑक्सीजन को मसल्स में स्टोर करता है। यह उसी तरह काम करता है जैसे हीमोग्लोबिन खून में करता है। टूना जैसी तेज़ तैरने वाली मछलियों को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है, जिससे वे लगातार और तेज़ गति से तैर सकें।
टूना इतनी तेज़ कैसे तैरती है?

टूना मछली का शरीर खास तरह से बना होता है – streamline shape और मजबूत मसल्स इसे तेज़ तैरने में मदद करते हैं। काली मसल्स में मौजूद myoglobin और mitochondria की अधिक मात्रा इसे लंबी दूरी तक बिना थके तैरने की शक्ति देती है।
सफेद और लाल मसल्स में अंतर:
गुण | सफेद मसल्स | काली/लाल मसल्स |
---|---|---|
रंग | हल्का | गहरा लाल/काला |
ऑक्सीजन की मात्रा | कम | अधिक |
Myoglobin | कम | अधिक |
गति | तेज़, पर थोड़े समय के लिए | मध्यम, लेकिन लंबे समय तक |
ऊर्जा स्रोत | Anaerobic | Aerobic |
क्यों है टूना खास?
- यह एकमात्र मछली है जिसकी मसल्स इतनी ज्यादा developed होती हैं।
- इसके गहरे रंग वाली मसल्स इसे समुद्र की सबसे तेज़ तैरने वाली मछलियों में शामिल करती हैं।
- यह लंबी दूरी तय कर सकती है बिना रुके।
निष्कर्ष:
टूना मछली की गहरी रंग की मसल्स सिर्फ दिखने में अलग नहीं होती, बल्कि यह एक विज्ञानिक संकेत है इसकी ताकत और क्षमताओं का। ज्यादा myoglobin और ऑक्सीजन स्टोरेज इसे सुपरफिश बना देता है। अगली बार जब आप टूना का नाम सुनें, तो उसकी तेज़ गति और शक्तिशाली शरीर के पीछे छिपा यह विज्ञान जरूर याद रखिएगा।