South Korea का Gallium Needle | शरीर में पिघलने वाली सुई | South Korea Invents Needle That Melts Inside Body

क्या आपने कभी सोचा है कि अगर इंजेक्शन की सुई शरीर में जाकर खुद ही पिघल जाए और बाहर निकालने की ज़रूरत ही न पड़े, तो यह कितना आसान और सुरक्षित होगा? यही कर दिखाया है South Korea के वैज्ञानिकों ने। उन्होंने Gallium Metal से ऐसी Needle बनाई है जो बॉडी टेम्परेचर पर मेल्ट हो जाती है।

Gallium Metal क्या है?

Gallium एक अनोखी धातु है जो कम तापमान पर ही ठोस से तरल में बदल जाती है। कमरे के तापमान पर यह सॉलिड रहती है लेकिन हाथ में पकड़ने पर धीरे-धीरे पिघलने लगती है। यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है, जिसे मेडिकल साइंस में पहली बार Needle बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया है।

Needle पियर्स कैसे करती है?

बहुत से लोगों के मन में यह सवाल आता है कि अगर सुई पिघल जाती है तो यह स्किन को पियर्स (छेद) कैसे करेगी?
इसका जवाब है – यह सुई रूम टेंपरेचर पर पूरी तरह सॉलिड और स्ट्रॉन्ग रहती है। यानी इंजेक्शन के वक्त यह आराम से स्किन को पियर्स कर देती है। लेकिन जैसे ही यह शरीर के अंदर जाती है, वहां की हीट (37°C) इसे कुछ ही सेकंड्स में सॉफ्ट और लचीला बना देती है।

Gallium Needle के फायदे

  1. इंजरी का खतरा नहीं – बॉडी के अंदर सुई सॉफ्ट हो जाती है, जिससे कोई अतिरिक्त चोट या डैमेज नहीं होता।
  2. रीयूज़ की संभावना खत्म – बाहर आने पर यह इतनी सॉफ्ट हो जाती है कि इसे दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
  3. मेडिकल वेस्ट कम होगा – रोज़ाना लाखों इंजेक्शन इस्तेमाल के बाद फेंके जाते हैं। यह तकनीक उस वेस्ट को काफी हद तक कम कर सकती है।
  4. सुरक्षित और आसान – मरीजों को इंजेक्शन लगवाने में कम डर और ज्यादा भरोसा मिलेगा।

भविष्य की उम्मीदें

वैज्ञानिक मानते हैं कि Gallium Needle जैसी तकनीक आने वाले समय में सर्जिकल उपकरणों और डायग्नोस्टिक टूल्स में भी इस्तेमाल हो सकती है। इससे हेल्थकेयर सिस्टम और भी सुरक्षित और पर्यावरण के लिए बेहतर बनेगा।

निष्कर्ष

South Korea की यह Gallium Needle मेडिकल साइंस के लिए एक क्रांतिकारी खोज है। यह न सिर्फ सेफ और सिंगल यूज़ है बल्कि भविष्य में यह मेडिकल वेस्ट को घटाने और इंजेक्शन को और आसान बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।

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