रेतीले क्षेत्र में कार चलाने के लिए टायर से हवा क्यों निकाली जाती है?

reteele jameen me jane se pahle tyre ki hawa kyu nikali jati hai ?

रेगीस्तानी व रेतीले छेत्र मे ऐसा इसीलिए किया जाता है क्युकी

इससे कर ओ जो भी वाहन होता है उसका संपर्क ग्राउन्ड मे फैल जाए

एक example से समझिए इस फोटो को देखिए

इस फोटो मे इन दोनों त्रिभुज को टायर समझ कर चलते है जिसमे जब टायर मे हवा भारी रहती है तो वह जमीन के कम संपर्क मे होता है ओर वह अधिक तेजी के साथ वाहन व कार को गति प्रदान करता है लेकिन इस कन्डिशन मे एक समस्या है जिसका मतलब है वह दल दल वाली जगह पर जमीन को तीर की तरह चुभ कर अंदर की ओर घुसह जाता है |

लेकिन वही अगर हम इस टायर की हवा निकाल देते है तो वह जमीन से चिपक के चलेगा ओर जमीन का जयद एरिया कवर करेगा Jesse wahe Dal dalwali zamin main धसने के चांस कम हो जाइनगे |

उसी प्रकार जिस तरह इस फोटो मे समझाया गया है जब टायर मे हवा होती है तो वह खड़ी हुई ईट की तरह तनाव डालता है ओर जमीन के अंदर धश जाता है

लेकिन जब वही टायर अपनी हवा निकाल देता है तो वह रिम के कारण जमीन के tuch मे jyda रहता है | जिससे वह रेत व बालू मे धसने से बच जाता है

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रेतीले क्षेत्रों में गाड़ी चलाते समय टायरों से हवा निकालने से ट्रैक्शन (traction) में सुधार होता है और गाड़ी रेत में फंसने से बच जाती है।

जब आप टायरों से हवा निकालते हैं, तो टायर का सतह क्षेत्र बढ़ जाता है जो जमीन के संपर्क में आता है। इससे गाड़ी का वजन एक बड़े क्षेत्र में फैल जाता है, जिससे टायर रेत में धंसने के बजाय उसके ऊपर “तैरने” लगते हैं। इसे ऐसे समझें जैसे सपाट पैर से रेत पर चलना, पंजों के बल चलने से ज्यादा आसान होता है।

टायर का दबाव कम करने से कुछ अन्य फायदे भी होते हैं:

  • बेहतर पकड़: संपर्क क्षेत्र बढ़ने से रेत पर पकड़ मजबूत होती है।
  • आरामदायक सफर: कम हवा वाले टायर झटकों को बेहतर तरीके से सोखते हैं, जिससे ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर सफर आरामदायक हो जाता है।

आमतौर पर, विशेषज्ञ रेत पर गाड़ी चलाने के लिए टायर का दबाव 15 से 20 PSI (पाउंड प्रति वर्ग इंच) तक कम करने की सलाह देते हैं।

विज्ञान को अपनाइए — और गाड़ी को फँसने से बचाइए!

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