लेजर जो रस्ट को जला देती है Laser Rust Cleaner , लेकिन स्किन को नहीं छूती – जानिए इसके पीछे का विज्ञान

क्या आपने कभी वो वीडियो देखी हैं जिनमें एक छोटी सी लेजर मशीन पुरानी जंग लगी धातु को कुछ ही सेकंड में चमका देती है? पर सवाल ये है कि – इतनी ताकतवर लेजर हमारी त्वचा को क्यों नुकसान नहीं पहुंचाती?

आपने सोशल मीडिया पर ऐसी लेज़र्स ज़रूर देखी होंगी जो जले हुए मेटल या रस्ट को पलक झपकते ही साफ कर देती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इतनी पावरफुल लेजर स्किन पर असर क्यों नहीं करती? इस वीडियो में जानिए Laser Cleaning की साइंस, इसके पीछे की टेक्नोलॉजी और क्यों यह केवल जंग को ही जलाती है।

लेजर रस्ट क्लीनर (Laser Rust Cleaner) कैसे काम करता है?

ये लेजर एक खास वेवलेंथ, यानी लगभग 1064 nm पर काम करता है। यह वेवलेंथ इंफ्रारेड (IR) कैटेगरी में आती है। रस्ट (जंग), धूल और गंदगी इस वेवलेंथ को जल्दी अब्सॉर्ब कर लेते हैं, जिससे वह जलकर हट जाते हैं।

लेकिन स्किन कैसे बचती है?

हमारी त्वचा इस वेवलेंथ को या तो रिफ्लेक्ट कर देती है या बहुत कम मात्रा में अब्सॉर्ब करती है। यही वजह है कि जब लेजर स्किन पर पड़ती है तो वह कोई नुकसान नहीं करती।

स्मार्ट तकनीक:

इन लेजर मशीनों में स्कैनिंग टेक्नोलॉजी होती है, जिससे एनर्जी एक ही जगह लगातार नहीं पड़ती। इससे गर्मी की वजह से स्किन या मेटल को कोई नुकसान नहीं होता।

लेकिन खतरा भी है!

अगर लेजर को गलत एंगल से या बहुत पास से चलाया जाए, तो ये त्वचा को भी जला सकती है। इसलिए ये मशीनें केवल प्रोफेशनल्स द्वारा सावधानीपूर्वक इस्तेमाल की जाती हैं।

निष्कर्ष:

लेजर रस्ट क्लीनिंग एक शानदार तकनीक है जो पुराने मेटल को नया बना सकती है। और खास बात यह है कि सही वेवलेंथ और तकनीक के चलते यह इंसानों के लिए अपेक्षाकृत सुरक्षित भी है।

विज्ञान और तकनीक अगर समझदारी से इस्तेमाल हो, तो यह हमारी जिंदगी को बहुत आसान बना सकती है। लेकिन जानकारी के बिना वही तकनीक खतरनाक भी बन सकती है।

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