Crab Molting – केकड़े का अद्भुत नया जन्म | Crab Body New Birth Process

Crab Molting प्रकृति का एक अद्भुत रहस्य है। इसमें केकड़ा अपने पुराने कठोर खोल (shell) को तोड़कर बाहर आता है और एक नई बॉडी के साथ नया जीवन शुरू करता है। यह प्रक्रिया वैसे ही है जैसे साँप अपनी केंचुली बदलता है।

क्यों बदलता है केकड़ा अपना खोल?

केकड़े का बाहरी शरीर यानी exoskeleton बहुत कठोर होता है और वह बढ़ नहीं सकता।
जैसे-जैसे केकड़ा बड़ा होता है, उसका शरीर उस खोल में फिट नहीं बैठता।
ऐसे में वह Molting करके पुराना खोल छोड़कर बाहर आता है और नए shell में बढ़ता है।

Crab Molting की प्रक्रिया

  1. केकड़ा पहले अपने शरीर में पानी और हवा भरता है।
  2. इससे पुराना shell ढीला होकर क्रैक हो जाता है।
  3. धीरे-धीरे वह उस shell से बाहर निकल आता है।
  4. बाहर निकलते ही उसका शरीर नरम होता है।
  5. कुछ घंटों में नया shell सख़्त हो जाता है।

Molting के दौरान खतरे

  • इस समय केकड़ा बहुत कमजोर होता है।
  • शिकारी जीव आसानी से हमला कर सकते हैं।
  • यही कारण है कि molting के दौरान केकड़ा छुपकर रहता है।

Molting = नया जन्म

Crab Molting को “नया जन्म” कहा जाता है क्योंकि पुराना शरीर छोड़कर केकड़ा बिल्कुल नई ताक़त और ताज़गी के साथ जीना शुरू करता है। यह प्रकृति की सबसे अद्भुत घटनाओं में से एक है।

निष्कर्ष

Crab Molting हमें यह सिखाता है कि जीवन में बदलाव ज़रूरी है। जैसे केकड़ा पुराना shell छोड़कर नया जन्म पाता है, वैसे ही इंसान को भी पुरानी आदतें छोड़कर आगे बढ़ना चाहिए।

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