चीन की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है उसके रेगिस्तान – Gobi Desert और Mongolia Desert। यहां लगातार रेत के तूफान आते हैं, जिससे फसलें, गाँव और शहर बुरी तरह प्रभावित होते हैं। इस समस्या को रोकने के लिए China ने एक विशाल प्रोजेक्ट शुरू किया जिसे “Green Great Wall of China” या Desert Plantation Project कहा जाता है।
क्या है यह प्रोजेक्ट?
चीन ने 1978 से ही अपने रेगिस्तान को हरा-भरा बनाने का सपना देखा।
उन्होंने लाखों हेक्टेयर जमीन पर पेड़ और पौधे लगाए।
इसका मकसद था – रेत को उड़ने से रोकना, मिट्टी को मजबूत करना और हवा को शुद्ध बनाना।
इस प्रोजेक्ट का मुख्य फोकस Mongolia Desert और आसपास के क्षेत्र हैं।
कैसे काम करता है Plantation Project?
विशेष किस्म के पेड़ लगाए जाते हैं जो कम पानी में भी ज़िंदा रह सकें।
Drip irrigation system का उपयोग किया जाता है जिससे पानी की बर्बादी न हो।
Sand barriers बनाए जाते हैं ताकि रेत उड़कर पेड़ों को न ढके।
गांव के लोग भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं, जिससे रोज़गार भी मिलता है।
अब तक के परिणाम
पिछले 40 सालों में चीन ने लगभग 35 मिलियन हेक्टेयर जमीन पर हरियाली फैलाई।
रेत के तूफानों की तीव्रता में कमी आई है।
कई जगहों पर मिट्टी की क्वालिटी सुधरी है और खेती संभव हो पाई है।
यह दुनिया का सबसे बड़ा man-made forest project माना जाता है।
चुनौतियाँ भी हैं
हालाँकि यह प्रोजेक्ट काफ़ी सफल रहा, लेकिन कुछ समस्याएँ अभी भी हैं:
- कुछ पेड़ सूख जाते हैं क्योंकि पानी कम मिलता है।
- सभी जगहों पर plantation सफल नहीं हो पाता।
- जलवायु परिवर्तन के कारण desertification लगातार बढ़ रहा है।
निष्कर्ष
चीन का यह plantation project एक प्रेरणा है कि अगर इच्छाशक्ति और तकनीक सही हो तो रेगिस्तान को भी जंगल में बदला जा सकता है। यह न केवल चीन बल्कि पूरी दुनिया के लिए environmental protection का एक उदाहरण है।