भारत में जब टमाटर की कीमत गिरती है, तो किसान परेशानी में आ जाते हैं।
वे अपनी फसल नहीं बेच पाते।
मजबूरी में हजारों किलो टमाटर सड़क या नदी में फेंक दिए जाते हैं।
लेकिन चीन में ऐसा नहीं होता।
वहाँ के किसान टमाटर को बर्बाद नहीं करते।
वे एक खास तकनीक अपनाते हैं।
इससे वे Sun Dried Tomato (सूरज में सूखा हुआ टमाटर) बनाते हैं।
ये टमाटर लंबे समय तक सुरक्षित रहते हैं।
चीन के किसानों की समझदारी:
चीन के किसान आधुनिक तकनीक और परंपरा का बेहतरीन मेल करते हैं।
जब बाजार में टमाटर सस्ते होते हैं, तो वे उन्हें धूप में सुखा देते हैं।
इस प्रक्रिया से sun dried tomatoes तैयार होते हैं।
यह तरीका फूड वेस्टेज को कम करता है।
साथ ही उनकी कमाई भी बढ़ाता है।
Sun Dried Tomato क्या होता है?
यह टमाटर सीधी धूप में सुखाकर बनाया जाता है।
सुखाने से पानी निकल जाता है।
इससे उनका स्वाद और रंग दोनों गाढ़े हो जाते हैं।
ऐसे टमाटर महीनों तक खराब नहीं होते।
इन्हें सूप, पिज़्ज़ा और पास्ता में इस्तेमाल किया जाता है।
Sun Drying का Process:
- ताज़े टमाटर चुनना: अच्छी क्वालिटी के पके टमाटर लिए जाते हैं।
- कटिंग: हर टमाटर को दो हिस्सों में काटा जाता है।
- नमक या तेल लगाना: हल्का नमक या ऑलिव ऑयल लगाया जाता है। इससे फफूंदी नहीं लगती।
- धूप में सुखाना: इन्हें 3 से 5 दिन तक तेज धूप में रखा जाता है।
- पैकिंग: पूरी तरह सूखने पर इन्हें एयरटाइट पैक में बंद किया जाता है।
किसानों को क्या फायदा होता है?
टमाटर बर्बाद नहीं होते।
सालभर इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
एक्सपोर्ट क्वालिटी का प्रोडक्ट बनता है।
सस्ते सीज़न में भी मुनाफा मिलता है।
गाँवों में रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।
भारत के किसानों के लिए सीख:
भारत के किसान भी यह तकनीक आसानी से अपना सकते हैं।
इससे हजारों टन टमाटर बचाए जा सकते हैं।
सरकार की कई योजनाएँ, जैसे फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स और कोल्ड स्टोरेज, इसमें मदद कर सकती हैं।
निष्कर्ष:
टमाटर फेंकना अब बीते समय की बात होनी चाहिए।
चीन के किसानों ने दिखाया है कि समझदारी से हर नुकसान को लाभ में बदला जा सकता है।
अगर भारत के किसान Sun Dried Tomato तकनीक अपनाएं, तो उनकी आमदनी भी बढ़ेगी और बर्बादी भी रुकेगी।